तपेदिक (टीबी) मायकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक एक जीवाणु के कारण होता है। जीवाणु खाँसने, छींकने, थूकने और बात करने के द्वारा हवा में छोड़ी गई छोटी बूँदों के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकते हैं। एचआईवी जैसे प्रतिरक्षा तन्त्र को कमज़ोर करने वाले अन्तर्निहित रोग, कुपोषण, मधुमेह वाले रोगियों और धूम्रपान करने वाले लोगों को तपेदिक होने का एक उच्चतर जोखिम होता है।[1]
जिस भी व्यक्ति को 2 या 3 सप्ताह से अधिक समय से कोई चिरकालिक खाँसी है, जो तपेदिक के सबसे आम प्राथमिक लक्षणों में से एक हैं, उसे किसी चिकित्सक के पास जाना चाहिए।
कभी-कभी दवा-प्रतिरोधी तपेदिक तब होता है जब संक्रमित करने वाले जीवाणु तपेदिक-रोधी दवाओं के प्रति प्रतिरोधी हो जाते हैं। ये दवाएँ तपेदिक के जीवाणुओं को अब और नहीं मार सकती हैं।
दवा-प्रतिरोधी तपेदिक के उद्भव की रोकथाम करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण तरीका है – सभी तपेदिक दवाओं को वैसे लेना जैसा स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता द्वारा नुस्ख़ा लिखा गया है। किन्हीं ख़ुराक़ों से चूकना नहीं चाहिए, और उपचार को समयपूर्व रोका नहीं जाना चाहिए। तपेदिक के रोग के लिए उपचार प्राप्त कर रहे लोगों को अपने स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं को यह बात बतानी चाहिए कि क्या उन्हें दवाओं को लेने में समस्या हो रही है।[2]
हर देश के लिए अब निवारक उपायों को करना भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि बहु-दवा-प्रतिरोधी तपेदिक के विकास और संचरण को रोकना अभी भी सम्भव है।
तपेदिक के बारे में इस वीडियो को देखें:
शरीर तपेदिक के प्रति कैसे प्रतिक्रिया करता है
References
1 WHO. (2018, January 18). What is TB? How is it treated? Retrieved from http://www.who.int/features/qa/08/en/
2 WebMD. (n.d.). What are the symptoms of Tuberculosis?. Retrieved from https://www.webmd.com/lung/understanding-tuberculosis-symptoms